मेरठ : जब दिल्ली के पास दादरी में गाय के नाम पर पहली लिंचिंग अखलाख की हुई तो अमन पसंद लोगों ने कहा कि ऐसी घटनाओं की आड़ में आगे भी उन्मादी भीड़ लोगों को मारेगी।
और अब आज के दिन इन खतरनाक शक्तियों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। भारत कट्टरता की ओर बढ़ रहा है और कहीं ना कहीं इस कट्टरता को वर्तमान सरकारों का संरक्षण भी प्राप्त है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में गठित पहली हिन्दू अदालत की नियुक्त की गई जज पूजा शकुन पांडे ने कहा है कि “उन्हें गर्व है कि वो और उनका संगठन अखिल भारत हिन्दू महासभा नाथूराम गोडसे की उपासना करता है।”
वेब पोर्टल ‘आज तक’ को फोन पर दिए इन्टरव्यू में पूजा शकुन पांडे ने कहा कि, “हाँ, मुझे गर्व है कि हम नाथूराम गोडसे को पूजते हैं। वो गाँधी के हत्यारे नहीं थे। उन्हें भारतीय संविधान लागू होने से पहले सजा दे दी गई थी। जाइए पढ़िए।” यानि शकुन पांडे हत्यारे गोडसे द्वारा गांधी की हत्या को हर मायने में सही ठहरा रही है। योगी की पुलिस इसपर चुप है।
शकुन पांडे यहीं नहीं रुकी उसने आगे कहा कि, “मैं गर्व से कहती हूँ कि अगर नाथूराम गोडसे से पहले पैदा होती तो मैं ही गाँधी को मार देती। अगर आज भी कोई गाँधी पैदा होगा जो देश को बाँटने की बात करेगा तो नाथूराम गोडसे भी इसी पुण्य धरती पर पैदा होगा।” सीएम योगी सहित भाजपा देश के राष्ट्रपिता के खिलाफ ऐसे बयान देने वालों पर मौन साधे हुए है!
मेरठ में हिंदू कोर्ट स्थापित करने का मकसद
अखिल भारत हिन्दू महासभा हिन्दू अदालत स्थापित करने का मकसद बताते हुए कहता है कि “शरिया अदालतों की तर्ज पर देश में हिन्दू अदालतें स्थापित की जा रही हैं। इन अदालतों में जमीन विवाद, माकन और शादी से संबंधित मामले आपसी सहमती से सुलझाए जाएंगे।
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महासभा के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि, 2 अक्टूबर को उन नियमों को सार्वजानिक किया जाएगा जिनके अनुसार हिन्दू अदालत काम करेंगी। वहीं यूपी में हिन्दू अदालत बनाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर जानकारी मांगी है।
गौरतलब है कि जबतक सरकारें ऐसी कट्टर ताकतों को करार जवाब नहीं देंगी तब तक हिन्दू महासभा जैसे संघठन समाज में दूरियां पैदा करते रहेंगे।